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राजनीति शास्त्र (POLITY)

 कक्षा -7 (CLASS-7)

अध्याय 1 (CHAPTER-1)

 समानता


भारतीय लोकतंत्र में समानता भारत एक लोकतांत्रिक देश है |समानता लोकतंत्र की मुख्य विशेषता है और इसकी कार्यप्रणाली के सभी पहलुओं को प्रभावित करती है |भारतीय संविधान सब व्यक्तियों को समान मानता है इसका धर्म है कि देश में व्यक्ति चाहे व पुरुष हो या स्त्री किसी भी जाति धर्म शैक्षिक और आर्थिक पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं सब सामान माने जाएंगे|

 समानता को स्थापित करने के लिए संविधान में जो प्रावधान है उनमें से कुछ निम्नलिखित है----

1-- कानून की दृष्टि में हर व्यक्ति समान है|( विधि के समक्ष समानता 

2-- किसी भी व्यक्ति के साथ उसके धर्म जाति वंश जन्म स्थान और उसकी स्त्री या पुरुष होने के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता |

3--हर व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर जा सकता है|

4--अस्पृश्यता (छुआछूत) का उन्मूलन कर दिया गया |

शासन में संविधान द्वारा मान्य किए गए समानता के अधिकार को 2 तरह से लागू किया जाता है |
 पहला कानून बनाकर तथा दूसरा सरकारी योजना और कार्यक्रमों के द्वारा | 
सरकारी कार्यक्रम अवसर की समानता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं किंतु अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है |मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में लेबर निर्धन बच्चों का स्कूल में प्रवेश और उनकी उपस्थिति तो बढ़ा दी है लेकिन फिर भी इस देश में वे स्कूल जहां अमीरों के बच्चे जाते हैं उन स्कूलों से बहुत अलग है |


मताधिकार की समानता ---

भारत जैसे एक लोकतांत्रिक देश में सब वयस्कों को मत देने का अधिकार है चाहे उनका धर्म कोई भी हो, चाहे शिक्षा का स्तर या जाति कुछ भी हो ,वे गरीब हो या अमीर | इसे सार्वभौमिक व्यस्त मताधिकार कहा जाता है और यह सभी लोकतंत्र का आवश्यक पहलू है|
 सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का विचार समानता के विचार पर आधारित है क्योंकि यह घोषित करता है कि देश का हर वयस्क स्त्री /पुरुष चाहे उसका आर्थिक स्तर या जाति कुछ भी क्यों ना हो एक वोट का हकदार है |

 असमानताएं--

 भारत में सामान्यत: प्रचलित असमानताओं में से एक है जातिगत व्यवस्था | ग्रामीण क्षेत्र में जातिगत व्यवस्था स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होती है |शहरी क्षेत्र में लोग आजकल जात पात में विश्वास नहीं करते परंतु कुछ झलक देखने को मिल ही जाती है|

 मानवीय गरिमा का मूल्य --

कुछ लोगों के साथ असमानता का व्यवहार बस इस कारण होता है कि उनका जन्म  किस जाति, लिंग या धर्म में हुआ है, उच्च वर्ग के है या मध्यम या निम्न वर्ग के |
जब लोगों के साथ समानता का व्यवहार होता है तो उनके सम्मान को ठेस पहुंचती है ऐसे व्यवहार से व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचती है |




DIRECT FROM BOOK--

  • सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार--- यह लोकतांत्रिक समाज का अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है इसका अर्थ है कि सभी वयस्क 18 वर्ष एवं उससे अधिक आयु के) नागरिकों को वोट देने का अधिकार है चाहे उनके सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो|
  •  गरिमा --- इसका तात्पर्य अपने आप को और दूसरे व्यक्तियों को सम्मान योग समझने से है|
  •  संविधान ---यह वह दस्तावेज है जिसमें देश की जनता व सरकार द्वारा पालन किए जाने वाले नियमों और अधिनियम को निरूपित किया गया है|
  •  नागरिक अधिकार आंदोलन --- एक आंदोलन जो संयुक्त राज्य अमेरिका में 1950 के दशक के अंत में प्रारंभ हुआ और जिसमें अफ्रीकी अमेरिकन लोगों ने लत लगा तो भेदभाव को समाप्त करने और समान अधिकारों की मांग की|


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