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CHAPTERWISE NCERT NOTES CLASS 8 CHAPTER 4 FOR UPSC !!!

 राजनीति शास्त्र POLITY  कक्षा 8 (CLASS 8)  अध्याय 4 (CHAPTER 4 )  कानूनों की समझ हमारा कानून धर्म , जाति और लिंग के आधार पर लोगों के बीच कोई भेदभाव नहीं करता | कानून के शासन का मतलब है कि सभी कानून देश के सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होते हैं | किसी भी अपराध  या कानून के उल्लंघन के एक निश्चित सजा होती है जो सभी के लिए समान होती है | परंतु प्रारंभ से ही स्थितियां ऐसी नहीं थी प्राचीन समय में अनेक प्रकार के स्थानीय कानून प्रचलित थे | कुछ मामलों में जाति के आधार पर एक ही अपराध के लिए अलग अलग व्यक्तियो को अलग-अलग सजा दी जाती थी | कुछ लोगों का मानना है कि हमारे देश में कानून की शुरुआत औपनिवेशिक शासन के दौरान हुई परंतु कुछ पहलुओं के कारण इतिहासकारों में इस बात पर काफी विवाद रहा है जैसे औपनिवेशिक कानून मनमानेपन आधारित था दूसरी वजह यह बताई जाती है कि भारतीय राष्ट्रवादियों ने कानून के विकास में बहुत अहम भूमिका निभाई है | कानून बनाने की प्रक्रिया  आमतौर पर जनता ही किसी खास कानून के लिए आवाज उठाती है | संसद की यह जिम्मेदारी है कि वह लोगों की समस्याओं को देखें और न...

CHAPTERWISE NCERT NOTES CLASS 8 CHAPTER 3 FOR UPSC !!!

 राजनीति शास्त्र POLITY  कक्षा 8  (CLASS 8)  अध्याय 3 (CHAPTER 3)   हमें संसद क्यों चाहिए ? औपनिवेशिक शासन से संघर्ष ने भारतीयों के मन से भय को निकाल दिया तथा उनमें इतना आत्मविश्वास जगाया कि वे अपने निर्णय लेने हेतु पर्याप्त विवेकशील हैं | इस आत्मविश्वास ने ही भारत में औपनिवेशिक शासन का अंत किया तथा भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित किया | स्वतंत्र भारत एक लोकतंत्र देश बना जिसमें कानून बनाने वाली संस्था में सदस्यों का चुनाव जनता द्वारा या जनता द्वारा चुने प्रतिनिधियों द्वारा होगा | भारतीय संविधान में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के सिद्धांत को अपनाया है | लोग संसद के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं इन्हीं निर्वाचित प्रतिनिधियों में से एक समूह को ही संसद कहा जाता है | यह संसद सरकार को नियंत्रित करती है और उसका मार्गदर्शन करती है | संसद राष्ट्रपति , लोकसभा तथा राज्यसभा से मिलकर बना हुआ है | हमारी संसद के पास महत्वपूर्ण शक्तियां है क्योंकि यह जनता का प्रतिनिधित्व करती है लोकसभा तथा राज्य विधानसभा का चुनाव एक ही प्रक्रिया द्वारा किया जाता है...

CHAPTERWISE NCERT NOTES CLASS 8 CHAPTER 2 FOR UPSC !!!

 राजनीति शास्त्र POLITY  कक्षा 8 (CLASS 8)  अध्याय 2 (CHAPTER 2)  धर्मनिरपेक्षता की समझ भारतीय संविधान सभी को अपने धार्मिक विश्वासों और तौर तरीकों को अपनाने की पूरी छूट देता है | सभी व्यक्तियों को समान धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करने के उद्देश्य से भारतीय राज्य ने धर्म और राज्य की शक्ति को एक दूसरे से अलग रखने की रणनीति अपनाई है | धर्म को राज्य से अलग रखने की इसी अवधारणा को धर्मनिरपेक्षता कहा जाता है | धर्म को राज्य से पृथक रखना अति आवश्यक है क्योंकि संसार के लगभग सभी देशों में एक से ज्यादा धर्म के लोग रहते हैं, जाहिर है कि किसी धर्म के लोगों की संख्या ज्यादा होगी और यदि बहुमत वाले लोग सत्ता में आ जाते हैं तो अल्पसंख्यकों का शोषण होने का खतरा बन सकता है ,बहुमत चाहे तो अल्पसंख्यकों को उनके धर्म के अनुसार जीने से भी रोक सकते हैं धर्म के आधार पर किसी भी तरह का भेदभाव नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करना है उपरोक्त विकृतियों को रोकने हेतु धर्म को राज्य से पृथक रखना आवश्यक है | भारतीय धर्मनिरपेक्षता    भारतीय संविधान में भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र...

CHAPTERWISE NCERT NOTES CLASS 8 CHAPTER 1 FOR UPSC !!!

राजनीति शास्त्र POLITY  कक्षा 8 (CLASS 8) अध्याय 1 (CHAPTER 1) भारतीय संविधान हर समाज के कुछ मूलभूत नियम होते हैं उन्हीं से समाज का स्वरूप तय होता है | नियमों को आम सहमति के जरिए तय किया जाता है | आधुनिक देशों में यह सहमति आमतौर पर लिखित रूप में पाई जाती हैं, जिस दस्तावेज में यह नियम मिलते हैं उसे संविधान कहा जाता है| संविधान कई उद्देश्यों की पूर्ति करते है |---   पहला-- यह दस्तावेज उन आदर्शों को सूत्र बद्ध करता है जिनके  आधार पर नागरिक अपने देश को अपनी इच्छा और सपनों के अनुसार रख सकता है | अर्थात संविधान ही बताता है कि हमारे समाज का मूलभूत स्वरूप क्या है | संविधान का दूसरा मुख्य उद्देश्य होता है देश की राजनीतिक व्यवस्था को तय करना | जिन देशों ने लोकतांत्रिक शासन पद्धति या राजव्यवस्था चुनी है वहां निर्णय प्रक्रिया के नियम तय करने में संविधान बहुत अहम भूमिका अदा करता है संविधान में जनता द्वारा चुने प्रतिनिधियों के बावजूद सत्ता का दुरुपयोग होने का खतरा बना रहता है जिस से बचने का उपाय संविधान में मिलता है | कई बार लोकतंत्र में ऐसी स्थितियां बन जाती है कि अल्पसंख्यकों के हित...

CLASS 6 AND 7 NCERT NOTES (POLITY) FOR UPSC !!!

                  NCERT NOTES BY PS   POLITY CLASS  6 ---- CHAPTER 1- CHAPTERWISE NCERT NOTES POLITY CLASS 6 CHAPTER 1 FOR UPSC (ncertnotesbyps.blogspot.com) CHAPTER 2- CHAPTERWISE NCERT NOTES POLITY CLASS 6 CHAPTER 2 FOR UPSC (ncertnotesbyps.blogspot.com) CHAPTER 3- CHAPTERWISE NCERT NOTES POLITY CLASS 6 CHAPTER 3 FOR UPSC PREPARATION (ncertnotesbyps.blogspot.com) CHAPTER 4- CHAPTERWISE NCERT NOTES POLITY CLASS 6 CHAPTER 4 FOR UPSC PREPARATION (ncertnotesbyps.blogspot.com) CHAPTER 5- CHAPTERWISE NCERT NOTES POLITY CLASS 6 CHAPTER 5 FOR UPSC PREPARATION (ncertnotesbyps.blogspot.com) CHAPTER 6- CHAPTERWISE NCERT NOTES POLITY CLASS 6 CHAPTER 6 FOR UPSC PREPARATION (ncertnotesbyps.blogspot.com) CHAPTER 7- CHAPTERWISE NCERT NOTES POLITY CLASS 6 CHAPTER 7 FOR UPSC PREPARATION (ncertnotesbyps.blogspot.com) CHAPTER 8- CHAPTERWISE NCERT NOTES POLITY CLASS 6 CHAPTER 8 UPSC PREPARATION (ncertnotesbyps.blogspot.com) CHAPTER 9- CHAPTERWISE NCE...

CHAPTERWISE NCERT NOTES CLASS 7 CHAPTER 9 FOR UPSC !!!

राजनीति शास्त्र  (POLITY) कक्षा 7 (CLASS 7) अध्याय 9 (CHAPTER 9) समानता के लिए संघर्ष भारत का संविधान हर भारतीय नागरिक को समान दृष्टि से देखता है | राज्य और उसके कानून की दृष्टि में किसी भी व्यक्ति के साथ उसकी जाति, लिंग, धर्म तथा उसके अमीर और गरीब होने के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है | देश के प्रत्येक वयस्क नागरिक को मतदान करने का अधिकार प्राप्त है | मताधिकार से समाज में समानता का भाव विकसित होता है क्योंकि प्रत्येक वयस्क चाहे वह अमीर हो या गरीब किसी भी लिंग जाति धर्म का हो सबके मत की कीमत एक बराबर होती है | लेकिन समाज में समानता अधिकतर लोगों के जीवन तक नहीं पहुंची है | समाज में गरीबों को जीवन निर्वाह के लिए उचित संसाधन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं | लोगों के पास काबिलियत होने के बाद भी पर्याप्त संसाधनों की कमी के कारण वे उचित प्रतिष्ठा व लाभ नहीं पाते | गरीबी और संसाधनों का अभाव आज भी भारतीय समाज में विषमता और समानता के सबसे बड़े कारणों में से एक है | सरकार के अनेक प्रयासों के बाद भी हमारे समाज में किसी खास सामाजिक या सांस्कृतिक पृष्ठभूमि .धर्म ,जाति औ...

CHAPTERWISE NCERT NOTES CLASS 7 CHAPTER 8 FOR UPSC!!!

राजनीति शास्त्र (POLITY) कक्षा 7 (CLASS 7) अध्याय 8 (CHAPTER 8) बाजार में एक कमीज बाजार में बिकने वाली कमीज को तैयार करने के पीछे एक बड़ी श्रंखला होती है | इस श्रंखला की शुरुआत उस खेत से होती है जहां कपास की खेती होती है |  कपास के पौधों पर आए डोडे पकने के बाद चटकना शुरू करते हैं और इनमें उपस्थित रुई को किसानों द्वारा निकाल लिया जाता है | यह सारे डोडे एक साथ नहीं चटकने इसलिए किसानों को इन्हें एकत्र करने में काफी समय और मेहनत लगती है | रूई को एकत्र करने के बाद किसान इन्हें व्यापारियों को बेच देते हैं | इतनी मेहनत के बाद भी किसानों को पर्याप्त लाभ नहीं हो पाता | व्यापारी कपास को जिनिंग मिलो को बेचते है | जिनिंग मिले कपास से बीज हटाती है और दबाकर कपास के गट्ठर बनाती है | अब इन गट्ठरों को सूत कातने की मिले खरीद लेती हैं | सूत कातने की मिले कपास से धागा बनाती हैं और इसे व्यापारियों को बेच देती हैं | व्यापारी कपड़ा बनवाने के लिए बुनकरों के बीच काम बांट देते हैं | बुनकर व्यापारी से सूत लेते हैं और तैयार कपड़ा देते हैं | इस व्यवस्था से बुनकरों को स्पष्टतया दो लाभ प्राप्त होते हैं...